आज का पंचांग: हर दिन को बनाएं खास

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16 October 2024 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: 16 अक्तूबर 2024 को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर उत्तरभाद्

आज का पंचांग

16 October 2024 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: 16 अक्तूबर 2024 को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा। राहुकाल 12:06 -13:31 मिनट तक रहेगा। चंद्रमा मीन राशि में मौजूद रहेंगे।

हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

 

तिथि

चतुर्दशी

20:39 तक

नक्षत्र

उत्तरभाद्रपदा 

19:07 तक

प्रथम करण 

गारा

10:30 तक

द्वितीय करण 

वणिजा

20:39 तक

पक्ष

शुक्ल

 

वार

बुधवार

 

योग 

ध्रुव

10:04 तक

सूर्योदय

06:26

 

सूर्यास्त

17:46

 

चंद्रमा  

मीन

 

राहुकाल

12:06 − 13:31

 

विक्रमी संवत्

2081 

 

शक संवत

1946 

 

मास

आश्विन

 

शुभ मुहूर्त

अभिजीत

नहीं है

पंचांग के पांच अंग

तिथि

हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।

तिथि के नाम- 

  1. प्रतिपदा, 

  2. द्वितीया, 

  3. तृतीया, 

  4. चतुर्थी, 

  5. पंचमी, 

  6. षष्ठी, 

  7. सप्तमी, 

  8. अष्टमी, 

  9. नवमी,

  10. दशमी, 

  11. एकादशी, 

  12. द्वादशी, 

  13. त्रयोदशी, 

  14. चतुर्दशी, 

  15. अमावस्या/पूर्णिमा।

नक्षत्र

आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- 

  1. अश्विन नक्षत्र, 

  2. भरणी नक्षत्र, 

  3. कृत्तिका नक्षत्र, 

  4. रोहिणी नक्षत्र, 

  5. मृगशिरा नक्षत्र, 

  6. आर्द्रा नक्षत्र, 

  7. पुनर्वसु नक्षत्र, 

  8. पुष्य नक्षत्र, 

  9. आश्लेषा नक्षत्र, 

  10. मघा नक्षत्र, 

  11. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, 

  12. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, 

  13. हस्त नक्षत्र, 

  14. चित्रा नक्षत्र, 

  15. स्वाति नक्षत्र, 

  16. विशाखा नक्षत्र, 

  17. अनुराधा नक्षत्र, 

  18. ज्येष्ठा नक्षत्र, 

  19. मूल नक्षत्र, 

  20. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, 

  21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, 

  22. श्रवण नक्षत्र, 

  23. घनिष्ठा नक्षत्र, 

  24. शतभिषा नक्षत्र, 

  25. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, 

  26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, 

  27. रेवती नक्षत्र।

वार

वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - 

  1. सोमवार, 

  2. मंगलवार, 

  3. बुधवार, 

  4. गुरुवार, 

  5. शुक्रवार, 

  6. शनिवार, 

  7. रविवार। 

योग

नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। 

दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - 

  1. विष्कुम्भ, 

  2. प्रीति, 

  3. आयुष्मान, 

  4. सौभाग्य, 

  5. शोभन, 

  6. अतिगण्ड, 

  7. सुकर्मा, 

  8. धृति, 

  9. शूल, 

  10. गण्ड, 

  11. वृद्धि, 

  12. ध्रुव, 

  13. व्याघात, 

  14. हर्षण, 

  15. वज्र, 

  16. सिद्धि, 

  17. व्यातीपात, 

  18. वरीयान, 

  19. परिघ, 

  20. शिव, 

  21. सिद्ध, 

  22. साध्य, 

  23. शुभ, 

  24. शुक्ल, 

  25. ब्रह्म, 

  26. इन्द्र 

  27. वैधृति।

करण: 

एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - 

  1. बव, 

  2. बालव, 

  3. कौलव, 

  4. तैतिल, 

  5. गर, 

  6. वणिज, 

  7. विष्टि, 

  8. शकुनि, 

  9. चतुष्पाद, 

  10. नाग  

  11. किस्तुघ्न

विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

Conclusion:

आज का पंचांग, 16 अक्टूबर 2024, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को दर्शाता है, जो बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र और शुभ योग के साथ है। इस दिन का धार्मिक महत्व शरद पूर्णिमा के पर्व के कारण है, जो मां लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। शुभ कार्यों के लिए यह एक अच्छा दिन है, जबकि राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए, जो दोपहर 12:08 बजे से 1:34 बजे तक रहेगा​

FAQ

प्रश्न 1: पंचांग क्या है?
उत्तर: पंचांग एक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, और चंद्रमा की स्थिति शामिल होती है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 2: पंचांग का महत्व क्या है?
उत्तर: पंचांग का उपयोग तिथियों और समयों को निर्धारित करने, धार्मिक अनुष्ठानों को सही समय पर करने, ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त करने, और शुभ मुहूर्त तय करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 3: पंचांग कैसे पढ़ें?
उत्तर: पंचांग पढ़ने के लिए तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय और सूर्यास्त का ध्यान रखें। इन तत्वों को समझकर आप पंचांग की जानकारी का सही उपयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 4: क्या पंचांग हर दिन बदलता है?
उत्तर: हां, पंचांग दैनिक रूप से बदलता है क्योंकि तिथियाँ चंद्रमा के चक्र के अनुसार निर्धारित होती हैं। हर दिन नई तिथि, नक्षत्र और अन्य तत्व होते हैं।

प्रश्न 5: क्या पंचांग केवल हिंदू धर्म के लिए है?
उत्तर: मुख्य रूप से, पंचांग हिंदू धर्म में प्रयोग होता है, लेकिन अन्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं में भी समय और तिथियों की गणना के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

 

 

 

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