पंचाग का हिन्दू धर्म में महत्त्व
पंचांग (Panchang) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय ग्रंथ है जो दिन, तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण की जानकारी प्रदान करता है। यह कैलेंडर की तरह काम करता है, जिसमें धार्मिक त्योहारों, व्रत, शुभ मुहूर्त, ग्रहण आदि की जानकारी होती है। पंचांग के माध्यम से व्यक्ति को दिन की शुभ-अशुभ घटनाओं का पता चलता है, जिससे वे अपने कार्यों की योजना बना सकते हैं।
पंचांग के 5 अंग
पंचांग शब्द संस्कृत के "पंच" (पाँच) और "अंग" (भाग) से मिलकर बना है। इसमें 5 मुख्य तत्व होते हैं:
तिथि (Tithi): तिथि चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तय की जाती है। यह एक दिन का समय होता है जो अमावस्या से पूर्णिमा तक की अवधि को दर्शाता है। हर तिथि का अपना धार्मिक महत्व होता है।
वार (Vaar): वार का मतलब है सप्ताह का दिन (सोमवार, मंगलवार, आदि)। हर दिन का अपना एक स्वामी ग्रह होता है, और वार के अनुसार दिन का महत्व भी होता है।
नक्षत्र (Nakshatra): नक्षत्र चंद्रमा के 27 खंडों को दर्शाते हैं। हर नक्षत्र का अपना एक स्वामी ग्रह होता है और वह व्यक्ति के व्यक्तित्व और जीवन की घटनाओं पर प्रभाव डाल सकता है।
योग (Yoga): योग 27 प्रकार के होते हैं और यह सूर्य और चंद्रमा के संयोजन से बनते हैं। योग का उपयोग मुहूर्त के समय शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने में होता है।
करण (Karana): करण तिथि के आधे हिस्से को कहते हैं। हर तिथि के दो करण होते हैं। कुल मिलाकर 11 करण होते हैं और ये शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने में मदद करते हैं।
पंचांग का महत्व
धार्मिक कार्यों के लिए: पंचांग के आधार पर शुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य संस्कार। यह धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों, और व्रतों का सही समय बताता है।
ज्योतिष के लिए: पंचांग का उपयोग जन्म कुंडली बनाने, ग्रहों की स्थिति जानने, और भविष्यवाणी करने में किया जाता है।
दैनिक जीवन में मार्गदर्शन: पंचांग का अध्ययन करके लोग दिन के शुभ और अशुभ समय को जान सकते हैं, जिससे वे अपने महत्वपूर्ण कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।
आज का पंचांग
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) - 17 अक्टूबर 2024 का पंचांग इस प्रकार है:
तिथि: आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (पूर्णिमा तिथि शाम 4:56 बजे तक)
वार: गुरुवार
नक्षत्र: रेवती (शाम 4:55 बजे तक)
योग: सिद्धि
करण: गबव (शाम तक) और बाद में बालव
सूर्योदय: 6:23 बजे
सूर्यास्त: 5:53 बजे
राहुकाल: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक (इस दौरान शुभ कार्य वर्जित हैं)
आज का पंचांग • अक्टूबर 17, 2024
आज का हिन्दू पंचांग हिंदी में: आज 17 अक्टूबर, 2024 गुरुवार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि है | हिन्दू कैलेंडर और पंचांग से जाने आज का शुभ मुहूर्त, अशुभ समय और राहुकाल |
Aaj Ka Panchang (October 17, 2024) - आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत क्रोधी 1946, आश्विन |आज है सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा, सत्य व्रत, तुला संक्रांति and कार्तिक स्नान|
आज पूर्णिमा तिथि 04:56 PM तक उपरांत प्रतिपदा | नक्षत्र रेवती 04:20 PM तक उपरांत अश्विनी | हर्षण योग 01:41 AM तक, उसके बाद वज्र योग | करण विष्टि 06:48 AM तक, बाद बव 04:56 PM तक, बाद बालव 03:04 AM तक, बाद कौलव | आज राहु काल का समय 01:37 PM - 03:03 PM है | आज 04:20 PM तक चन्द्रमा मीन उपरांत मेष राशि पर संचार करेगा |
आज तुला संक्रांति, वाल्मीकि जयंती, और मीराबाई जयंती भी है
Conclusion:
आज का पंचांग, 16 अक्टूबर 2024, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को दर्शाता है, जो बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र और शुभ योग के साथ है। इस दिन का धार्मिक महत्व शरद पूर्णिमा के पर्व के कारण है, जो मां लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। शुभ कार्यों के लिए यह एक अच्छा दिन है, जबकि राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए, जो दोपहर 12:08 बजे से 1:34 बजे तक रहेगा।
FAQ
प्रश्न 1: पंचांग क्या है?
उत्तर: पंचांग एक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, और चंद्रमा की स्थिति शामिल होती है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 2: पंचांग का महत्व क्या है?
उत्तर: पंचांग का उपयोग तिथियों और समयों को निर्धारित करने, धार्मिक अनुष्ठानों को सही समय पर करने, ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त करने, और शुभ मुहूर्त तय करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3: पंचांग कैसे पढ़ें?
उत्तर: पंचांग पढ़ने के लिए तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय और सूर्यास्त का ध्यान रखें। इन तत्वों को समझकर आप पंचांग की जानकारी का सही उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या पंचांग हर दिन बदलता है?
उत्तर: हां, पंचांग दैनिक रूप से बदलता है क्योंकि तिथियाँ चंद्रमा के चक्र के अनुसार निर्धारित होती हैं। हर दिन नई तिथि, नक्षत्र और अन्य तत्व होते हैं।
प्रश्न 5: क्या पंचांग केवल हिंदू धर्म के लिए है?
उत्तर: मुख्य रूप से, पंचांग हिंदू धर्म में प्रयोग होता है, लेकिन अन्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं में भी समय और तिथियों की गणना के लिए इसका उपयोग किया जाता है।