भौम प्रदोष कब है 2025 ? Bhaum pradosh | ऐसे विधि से पुजा कर भगवान शिव को करे प्रसन्न

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यह व्रत हिंदु तिथि के अनुसार तेरहवें दिन यानी त्रयोदशी को होता है। त्रयोदशी अथवा प्रदोष व्रत हर महीने में दो ब??

त्रयोदशी अर्थात् प्रदोष का व्रत करने वाला मनुष्य सदा सुखी रहता है। उसके सम्पूर्ण पापों का नाश इस व्रत से हो जाता है। इस व्रत के करने से सुहागन नारियों का सुहाग सदा अटल रहता है, बंदी कारागार से छूट जाता है। जो स्त्री पुरुष जिस कामना को लेकर इस व्रत को करते हैं, उनकी सभी कामनाएं कैलाशपति शंकर जी पूरी करते हैं। सूत जी कहते हैं- त्रयोदशी व्रत करने वाले को सौ गऊ दान का फल प्राप्त होता है। इस व्रत को जो विधि विधान और तन, मन, धन से करता है उसके सभी दु:ख दूर हो जाते हैं।

मंगल प्रदोष / भौम प्रदोष व्रत की विधि | Bhaum Pradosh Puja ki Vidhi

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